भारत के ऐसे छः भारतीय क्रिकेटर जो बहुत बड़े स्टार बन सकते थे. लेकिन उनकी बुरी आदतों ने उनका कॅरियर बुरी तरह से डुबो दिया. इन क्रिकेटरों में टैलेंट तो खूब था. लेकिन इनको बुरी आदतें लग चुकीं थीं जिनने इनसे सब कुछ छीन लिया.
एस. श्रीसंत
भारतीय टीम का तेज गेंदबाज जिसकी गेंदबाजी में आग थी और मैदान पर अग्रेशन। श्रीसंत को लोग शोमैन मानते थे. T20 वर्ल्ड कप और 2011 का वर्ल्ड कप जीतने बाली टीम का हिस्सा होने के बावजूद श्रीसंत का कॅरियर विवादों में फंसकर खत्म हो गया.
श्रीसंत पर भी IPL 2013 के स्पॉट फिक्सिंग केस में लाइफ टाइम का बैन लग गया. हालांकि बाद में उनकी सजा घटकर सात साल हो गई थी. लेकिन ज़ब तक श्रीसंत की वापसी होती तब तक उनके कॅरियर का सुनहरा दौर बीत चुका था. श्रीसंत की कहानी इस बात का भी सबूत है कि अगर अग्रेशन कंट्रोल से बाहर हो जाए तो वह करियर को डुबो देता है.
अजय शर्मा
भारतीय घरेलू क्रिकेट का यह स्टार खिलाड़ी जिसका नाम एक लेजेंड की तरह लिया जाता था. रणजी ट्रॉफी में रन मशीन साबित हुए अजय शर्मा के पास टैलेंट के रूप में वह सब कुछ था जिससे वे इंटरनेशनल स्टार बन सकते थे. लेकिन साल 2000 के मैच फिक्सिंग स्कैंडल में उनका नाम सामने आ गया. और उन पर लाइफ बैन लग गया.
कई साल बीतने के बाद अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दी, लेकिन तब तक वे अपना बहुमूल्य सुनहरा वक्त गवाँ चुके थे. क्रिकेट फैंस आज भी कहते हैं कि अगर अजय शर्मा विवादों में ना फंसे होते तो वे भारत के सबसे भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों में गिने जाते.
विनोद कांबली
विनोद कांबली एक ऐसे खिलाड़ी थे जिनका टैलेंट किसी से छिपा नहीं था. वे क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त और उनके साथ ही करियर शुरू करने बाले, कांबली ने शुरुआती मैचों में डबल सेंचुरी ठोक कर सबको हैरान कर दिया था.
लेकिन धीरे-धीरे मैदान के बाहर की लाइफस्टाइल, पार्टियों और विवादित बयानबाजी ने उनके करियर को पीछे धकेल दिया. क्रिकेट में उनकी चर्चा होने की वजह शराब और शोहरत के चक्कर में होने लगी. आज के समय में विनोद कांबली का नाम सुनते ही लोग अफसोस करने लग जाते हैं कि अगर उन्होंने खुद पर कंट्रोल रखा होता तो शायद आज भारत को एक और महान बल्लेबाज मिल जाता.
अजीत चंडीला
अजीत चंडीला आईपीएल के दौरान एक हैट्रिक लेकर अचानक सुर्खियों में आए तब इस गेंदबाज को सब ने भविष्य का स्टार मान लिया था. लेकिन 2013 का स्पॉट फिक्सिंग में उनका नाम आ गया और उनके कॅरियर पर हमेशा के लिए ताला लग गया. अजीत चंडीला को लाइफ बैन की सजा ने मैदान से हमेशा के लिए दूर कर दिया.
क्रिकेट का ग्लैमर और पैसों का लालच ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया. आज भी जब अजीत चंडीला का नाम आता है तो लोग कहते हैं कि टैलेंट था, मौके भी थे लेकिन गलत संगत और लालच ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.
अजय जडेजा
अजय जडेजा एक स्टाइलिश बल्लेबाज और शानदार फील्डर थे, अजय जडेजा को लोग इंडिया का पोस्टर बॉय कहते थे उनकी कप्तानी तक के चर्चे थे. लेकिन साल 2000 का फिक्सिंग कांड उनके करियर का सबसे काला अध्याय बन गया और उन पर भी 5 साल का बैन लग गया.
बैन लगने के बाद उन्होंने वापसी की कोशिश तो की लेकिन टीम इंडिया का दरवाजा उनके लिए हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो गया. लोग आज भी कहते हैं कि अगर जडेजा पर विवादों का साया न होता तो एक खिलाड़ी और एक अच्छा कैप्टन टीम इंडिया को मिल जाता.
मनोज प्रभाकर
एक समय टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर माने जाने बाले मनोज प्रभाकर का कॅरियर भी उनकी बुरी आदतों और गलत कदमों की भेंट चढ़ गया. 1990 के दशक में प्रभाकर का नाम फिक्सिंग विवाद में उछला और साल 2000 में उन पर 5 साल का बैन लग गया.
प्रभाकर की गेंदबाजी में स्विंग का जादू था और बल्ले से भी मैच जीतने कई दम रखते थे लेकिन खुद के बयानों और आरोपों में उलझकर उन्होंने अपनी पहचान दांव पर लगा दी. एक पोटेंशियल स्टार खिलाड़ी का करियर यूं बर्बाद होते देखना हर फैन के लिए दर्दनाक था.






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